Thursday, October 22, 2015

Gandhi Ji ---

शत् शत् नमन गांधी जी एवं शास्त्री जी के जन्मशती पर।।
गांधी जी ने कई आन्दोलन किए, अहिंसा का अमिट प्रयोग किया ।
तिरस्कार और बहिष्कार उनका नायाब हथियार था, कहते थे अग्रेजो को और उनके बनाए वस्तुऔ का तिरस्कार और बहिष्कार करो।
आज हमारे समाज, राजनीति मे हर जगह इसकी जरूरत आन पड़ी है। हम देख सकते आज के समाज मे बुरे लोगो के उतने ही समरथक है जितने अच्छे लोगो के, जिसके परिणाम स्वरुप उनका मनोबल बढने लगा है। वो अपना कुनबा तैयार करके उसको हथियार की तरह उपयोग करते है। 
आज गांधी के नायाब तरीके को एक बार पुनः उपयोग करने की जरूरत है।
समाज को बुरे लोगो को तिरस्कार और बहिष्कार करने की जरूरत है और साथ मिलकर करने की जरूरत है। बहुत ही धारदार हथियार है, जितने भ्रष्ट लोग है अपने आप सुधर जाएगे।
जैसे अगर किसी दफ्तर मे कोई कम॔चारी भ्रष्ट है, तो उसके दफ्तर के सारे कम॔चारी तथा समाज अगर उसका तिरस्कार और बहिष्कार करे तो उसका मनोबल टूटेगा, ऐसे ही भ्रष्ट राजनेताओ, अपराधीयो
के साथ होगा तभी गन्दगी खत्म होगी ।।
गाधी के बताए रास्ते अभी भी उतने ही प्रासंगिक है।
गांधी जी की जयंती पर शत़ शत़ नमन ।।

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