मोहल्ला अस्सी कुल देखी, मैंने काशीनाथ सिंह की काशी का अस्सी भी पढी है, मै बनारस का हु, पप्पू की चाय की दुकान, काशीनाथ सिंह जी, डा गया सिंह, आदि से बखूबी वाकिफ हु, जब काशी हिन्दू विश्वविध्यालय (BHU) मे था , तो अस्सी अड्डा था।
जब मोहल्ला अस्सी फिल्म देखी रहा था तो जो किताब उसके शब्द, प्रत्यक्ष देखा हुए चरित्र, की तुलना कर रहा था।
डॉक्टर गया सिंह जी वास्तविकता मे सावले है पर फिल्म मे चरित्र गोरा है।
काशीनाथ सिंह जी ने और अस्सी मोहल्ले के लोग इतनी गालीगलौज नही करते जितना फिल्म के निर्देशक चन्द प्रकाश दिवेदी ने प्रस्तुत किया है।
केवल फिल्म से कमाई करने के लिए इस तरह प्रस्तुत किया गया है, अशोभनीय है।
जब मोहल्ला अस्सी फिल्म देखी रहा था तो जो किताब उसके शब्द, प्रत्यक्ष देखा हुए चरित्र, की तुलना कर रहा था।
डॉक्टर गया सिंह जी वास्तविकता मे सावले है पर फिल्म मे चरित्र गोरा है।
काशीनाथ सिंह जी ने और अस्सी मोहल्ले के लोग इतनी गालीगलौज नही करते जितना फिल्म के निर्देशक चन्द प्रकाश दिवेदी ने प्रस्तुत किया है।
केवल फिल्म से कमाई करने के लिए इस तरह प्रस्तुत किया गया है, अशोभनीय है।
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