Friday, October 23, 2015

Mr Raghuram Rajan in St Gallen Symposium

Good Investigative Interview of Mr Raghuram Rajan in St Gallen Symposium -
To Discussed issues are -
1. Global Financial System Need to Strengthen.
2 . International Monetary Policy for making balance among emerging markets.
3.To Initiate Dialogue among Central Banks Governors to strengthen Global Financial Systems.
4.To Make Light concession Regulatory instead of Excessive Tight Regulatory.
5.To Think US Fed Reserve about made selfish monetary policy.
Raghuram Rajan (IN), Governor, Reserve Bank of India Topic Leader: Stephen Sackur (GB), Presenter…

Yakub Menon

Headlines Today पर याकूब मेनन का साक्षात्कार कही न कही कुछ सवाल छोड़ जाता है। 1994 मे याकूब क्यो भारत मे नयी दिल्ली पर पकड़ा गया जब की उसे मालुम था Agencies ओर मुम्बई पुलिस ढुंढ रही है। साक्षात्कार मे वो सारी जानकारी दी जो कई सालो CBI ओर अन्य Agencies ढुंढ रही थी। उसने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी पहली D Company दाउद, टाइगर मेनन अन्य का हाथ था। पाकिस्तान के आफिसर, कैप्टन, एवं ISI का पुरा सहयोग था। वह कहता है कि उसका उद्देश्य ये सारी सुचनाए International Community को बताने की थी।
कुछ सवाल छोड़ जाता है, वो यह है ,
क्या याकूब का कोई समझौता CBI के साथ हुआ था तो पुरा क्यो नही किया गया।
ये सारी सुचनाए को लेकर भारत दुबार International Community मे जाएगा पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए।
इस सारे प्रकरण से मुम्बई धमाके के सारे आरोपीयो को पकड़ पाने के आगे की सारी संभावनाए धुमिल हो गई है ।
The Supreme Court on Thursday confirmed capital punishment awarded by a special TADA court to 1993 Mumbai serial blasts convict Yakub Memon, while it

Thursday, October 22, 2015

Social Change in America

एक मेरे घनिष्ट मित्र कोलाराडो अमेरिका मे रहते है, फोन आया अक्सर विचार विमर्श होता है, इस बार विषय था अमेरिका मे समाजिक परिवर्तन -
मित्र ने जो विचार ब्यक्त किए वह इस तरह है-
अमेरिका मे बहुत समय पहले महिलाओ ने सशक्तिकरण की परिभाषा - अकेले रहना , premarital sex, परिवार मे विश्वास न करना, शादी के कुछ समय बाद तलाक, समाज से परे स्वछंद सोच, Early age sex, Living Relationship, आदि को माना।
जब ये सोच रखने वाली पीढी वृद्धावस्था की तरफ पहुची तो अकेलापन,बिना पिता के बच्चे की परवरिश, एवं अन्य तरह की ब्याधियो का परिणाम आया ।
आज अमेरिका मे देख सकते है की लोग परिवार मे विश्वास करने लगे है, पति पत्नी के संबंध कम टूटते हुए देखे जा रहे है, जहा पहले कूछ ही समय मे टूट जाते थे। अब 10 से 15 साल के बाद देखने को मिलता है।
कहते है अमेरिका भारत से हमेशा 5 से 10 साल आगे रहता है, आज हम उसी दौर मे है जहा अमेरिका पहले था।
हम समाजिक ब्याधियो की तरफ बढ रहे है।
पश्चिम सभ्यता , पूवीॅ सभ्यता को अपना रहा है ओर हम पश्चिमीकरण सभ्यता।
अपने घनिष्ठ मित्र को धन्यवाद साधुवाद ।।

मोहल्ला अस्सी

मोहल्ला अस्सी कुल देखी, मैंने काशीनाथ सिंह की काशी का अस्सी भी पढी है, मै बनारस का हु, पप्पू की चाय की दुकान, काशीनाथ सिंह जी, डा गया सिंह, आदि से बखूबी वाकिफ हु, जब काशी हिन्दू विश्वविध्यालय (BHU) मे था , तो अस्सी अड्डा था।
जब मोहल्ला अस्सी फिल्म देखी रहा था तो जो किताब उसके शब्द, प्रत्यक्ष देखा हुए चरित्र, की तुलना कर रहा था।
डॉक्टर गया सिंह जी वास्तविकता मे सावले है पर फिल्म मे चरित्र गोरा है।
काशीनाथ सिंह जी ने और अस्सी मोहल्ले के लोग इतनी गालीगलौज नही करते जितना फिल्म के निर्देशक चन्द प्रकाश दिवेदी ने प्रस्तुत किया है।
केवल फिल्म से कमाई करने के लिए इस तरह प्रस्तुत किया गया है, अशोभनीय है।
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Good Life Better Opportunities -

Refugees is going to Europe for Good Life and better opportunities. They are from Syria, afaganistan, Iraq, libiya, Syria.
Europe is facing challenge of Migrants issues.Reason is political instability. Consequences may be Food crisis, people management and security management.
Human trafficking in India is biggest issue.Brokers sold women,Girl particularly from West Bengal, chattisgardh, jharkhand for good life and Better opportunities.
Reason is Good Life Better Opportunity.
People migrated from Greece due to economic imbalance for Good Life Better opportunities.
People migrated for Good Life Better opportunities but ultimate consequences are horrible at major part.
Government can find many reasons why people migrated.
Reasons can be unequal Development, wars, political & economical instability.

Gandhi Ji ---

शत् शत् नमन गांधी जी एवं शास्त्री जी के जन्मशती पर।।
गांधी जी ने कई आन्दोलन किए, अहिंसा का अमिट प्रयोग किया ।
तिरस्कार और बहिष्कार उनका नायाब हथियार था, कहते थे अग्रेजो को और उनके बनाए वस्तुऔ का तिरस्कार और बहिष्कार करो।
आज हमारे समाज, राजनीति मे हर जगह इसकी जरूरत आन पड़ी है। हम देख सकते आज के समाज मे बुरे लोगो के उतने ही समरथक है जितने अच्छे लोगो के, जिसके परिणाम स्वरुप उनका मनोबल बढने लगा है। वो अपना कुनबा तैयार करके उसको हथियार की तरह उपयोग करते है। 
आज गांधी के नायाब तरीके को एक बार पुनः उपयोग करने की जरूरत है।
समाज को बुरे लोगो को तिरस्कार और बहिष्कार करने की जरूरत है और साथ मिलकर करने की जरूरत है। बहुत ही धारदार हथियार है, जितने भ्रष्ट लोग है अपने आप सुधर जाएगे।
जैसे अगर किसी दफ्तर मे कोई कम॔चारी भ्रष्ट है, तो उसके दफ्तर के सारे कम॔चारी तथा समाज अगर उसका तिरस्कार और बहिष्कार करे तो उसका मनोबल टूटेगा, ऐसे ही भ्रष्ट राजनेताओ, अपराधीयो
के साथ होगा तभी गन्दगी खत्म होगी ।।
गाधी के बताए रास्ते अभी भी उतने ही प्रासंगिक है।
गांधी जी की जयंती पर शत़ शत़ नमन ।।

Health Insurance - Hike Medical Cost in India

Concept vise Health Insurance is Good but In practical, it increase Medical Cost in India. Reason is Most of Hospitals are running only for profit in India.
If any Person covered under Health Insurance of Rs. 2 Lakh and went for little operation. Doctor know amount and give treatment as to meet to amount of Health Insurance. This is Practice adopted by most of Private Hospitals Whereas Actual Cost is very Low.
Indirectly its increase Medical Cost.
Health issues are similar in USA and India but Fact is, here most hospitals are for Profit whereas in USA most are not for profit.
Only Government have Solution. It can announce and publish chart where actual cost of medical operation & treatment.
If Government can't take proactively, situation will be horrible in future as we know health & associated things are big concern in India. We don't have Government hospitals as we require. So. Ultimately People go to Private hospitals where situation is not control under Government.
So. I knock to Mr J P Nadda ji central Health minister please take your concern to this area also.

हरिवंशराय बच्चन की एक सुंदर कविता ...

ख्वाहिश नही मुझे मशहूर होने की। आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है।
अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे। क्योंकि जिसकी जितनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे।
ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा भी कितना अजीब है, शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे हैं....!!
एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी, जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं, और हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं।
बैठ जाता हूं मिट्टी पे अक्सर... क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है..
मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा, चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना।
ऐसा नहीं है कि मुझमें कोई ऐब नहीं है पर सच कहता हूँ मुझमे कोई फरेब नहीं है।
जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दूश्मन क्यूंकि एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.
एक घड़ी ख़रीदकर हाथ मे क्या बाँध ली.. वक़्त पीछे ही पड़ गया मेरे..!!
सोचा था घर बना कर बैठूगा सुकून से.. पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!
सुकून की बात मत कर ऐ ग़ालिब.... बचपन वाला 'इतवार' अब नहीं आता |
जीवन की भाग-दौड़ में - क्यूँ वक़्त के साथ रंगत खो जाती है ? हँसती-खेलती ज़िन्दगी भी आम हो जाती है..
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
कितने दूर निकल गए, रिश्तो को निभाते निभाते.. खुद को खो दिया हमने, अपनों को पाते पाते..
लोग कहते है हम मुस्कुराते बहोत है, और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते..
"खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ, लापरवाह हूँ, फिर भी सबकी परवाह करता हूँ..
मालूम है कोई मोल नहीं मेरा, फिर भी, कुछ अनमोल लोगो से रिश्ता रखता हूँ...!


राहुल गांधी vs वरुण गांधी -

गांधी परिवार का उत्थान अगर गांधी के नाम की वजह से हुआ तो पतन भी गांधी के नाम की वजह से होगा अगर राहुल गांधी के नेतृत्व मे चलते रहे तो। कांग्रेस को स्वीकार करना ही पड़ेगा की उसे अच्छे नेतृत्व की जरुरत है। सोनिया गाँधी के बाद कौन ? अभी भी एक प्रश्न है।
एक वाक्या मैने किसी के माध्यम से सुना - कमलनाथ जी जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है कहते है मै किसी काम को लेकर राहूल के पास जाता हु तो कहते है सोनिया जी के पास जाइए, मै सोनिया जी के पास जाता हु तो कहती है राहुल के पास जाओ । यह घटना इंगित करती है राहुल जी के नेतृत्व असझमता को।
अगर राहुल और वरुण गांधी की तुलना करे तो वरुण बेहतर नजर आते है, किसी समस्या पर उनके विचार स्पष्ट है। वो अपने विचार लेखो और भाषणो के माध्यम से प्रकट करते रहते है। अगर भा,ज,पा वरुण गाँधी को यूपी के मुख्यमंत्री के रुप मे 2017 के चुनाव मे रखती है तो ,बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
सोनिया जी अगर राहुल गांधी को नेतृत्व के तौर पर थोपना चाहती है तो यह निश्चित तोर पर पतन का कारण होगा । काग्रेस के अन्दर इस बात की चर्चा जोर पर है। कुछ ने इसे सार्वजनिक तौर पर ब्यक्त भी किया है।